मेरा विद्यालय निबंध इन हिंदी मैं में मेरी विद्यालय के बारे में कहा हूं। क्यूंकि हर सबकी अपनी अपनी विद्यालय का बेहेतरिन अनुभूति होता है। अपनी स्कूल के बारे में निबंध लिखने से पहले अपने बिताई हुई स्कूल के जीवन को याद करिए। आपके आखों के सामने आपके स्कूल के बिताए हुए दिन याद आ जायेंगे। में विवेकानंद शिखा सदन में पढ़ता हूं। ये कोई सरकारी विद्यालय नही है। मेरा विद्यालय बहत ही सुंदर है। और हमारा स्कूल एक खुले स्थान और शांत परिवेश के ऊपर बना हुआ है। तो आइए चलके जानते हैं हमारे विधालय के बारे में। मेरा विद्यालय निबंध इन हिंदी मैं जानेंगे।
मेरा विद्यालय निबंध इन हिंदी
क्या कहूं मेरे विद्यालय के बारे में। मेरा विद्यालय सबसे प्यारा और सबसे सुंदर है। हमारा विधालय शहर से दूर धूल मिट्टी, शोर और प्रद्युसन से बहत ही दूर अवस्थित है। इसके इमारतें बहुत ही बड़ी और बहुत ही शानदार है। हमारे विद्यालय के चारो तरफ पेड़ पौधे से भरा हुआ है जो की हमे बहत ही सुंदर और अच्छी अम्लाजन देता है। विद्यालय के अंदर जहां पर हमारा श्रेणी गृह है वही से बाहर के तरफ दो पड़े पड़े पेड़ लगा हुआ है जो कि हमें गर्मी के धूप से सर्दी की थर ठरात सर्दियों से और बारिश से हमे बचाती है।
मेरा विद्यालय इन हिंदी फॉर क्लास 3
मेरा विद्यालय निबंध इन हिंदी मैं कक्षा तीन के लिए हम जानेंगे। हमारे बिद्यालय के मुख्य प्रवेश द्वार के पास दो छोटे छोटे उद्यान है एक गेट के इधर के तरफ और दूसरे उद्यान उधर के तरफ है। बीच में रास्ता है। दोनो तरफ़ सिर्फ उद्यान हीं नहीं बल्कि हरे हरे मैदान, फूलो की बगीचा और फलों के पेड़ तथा सुंदर सुन्दर फबारे है। गर्मी के मौसम में इन घास के ऊपर बैठना अच्छा लगता है। और साथ मैं छोटी छोटी सुन्दर सुन्दर तितलियां हमारे मन को और भी आकर्षित करता है।
मेरा विद्यालय की पुस्तकालय और अध्यापक
हमारे बिद्यलय के अंदर विज्ञान के दो प्रयागसाला और एक पुस्तकालय है। जिसमे सभी बिसय की ढेर सारे पुस्तक दिया गया है। जिसमे सभी श्रेणी के सभी बच्चे जाकर अपने अपने मन पसन्द पुस्तक को पढ़ सकते है। हमारे विद्यालय में लगभग चालीस कमरे है। हमारे विद्यालय के अंदर करीब करीब पचास अध्यापक है। और वो सभी उच्च शिक्षित और बड़े योग्य अध्यापक है। हमारे सभी अध्यापक हमे बहत अच्छे तरीके से मेहनत करके और बहत ही लगन से हमे पढ़ाते है। वो हमारे सच्चे मार्गदर्शिका है।
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मेरा विद्यालय के प्रिंसिपल
मेरा विद्यालय के प्रिंसिपल बहत ही योग्य और नेक है। वो सभी बच्चे के अनुसासन के अंदर केसा चलना है और अनुसासन का केसा पालन करना है उसके बारे में हमे सिखाते है। वो ध्यान रखते हैं विधालय को परिवेश केसे स्वच्छ और सुंदर रहे। वो बहत ही चरित्रवान और एक आदर्शवान व्यक्ति है। विद्यालय को पूरे ठीक समय के अंदर आते है। और हम सभी विद्यार्थी उनका बहत ही स्नेह से आदर करते है। विद्यार्थी के विद्यालय में गन्दे पोसाक में आने से रोकते है। विद्यालय में हर दिन प्राथना होता है और प्राथना के बाद कुछ समय के लिए प्रिंसिपल जी भाषण देते है।
मेरा विद्यालय का खेल कूद
मेरे विद्यालय की सबसे अच्छी बात ये है की यह खेल कूद प्रतियोगिता और स्काउटिंग का बहत बड़ा और अच्छा प्रबंध है। हर सनिबार के आखिर के पीरियड में बिदार्थी खेल कूद के लिए चोदा जाता है। हर सभी विद्यार्थी मैं से किसी एक को किसी न किसी खेल में भागा लेना पड़ता ही है। साथ मैं हमारे यहां पर स्काउट गाइड का प्राथमिक उपचार दिया जाता है।
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उपसंहार
हमारे विद्यालय सबसे अच्छे विद्यालय में से एक है। विद्यालय को अनुसासित विद्यार्थियों पर तथा विद्यार्थियों को भी अपने स्कूल के ऊपर बहत ज्यादा गर्व है। मुझे अपना विद्यालय बहत ही बड़ा प्यारा लगता है। आपको हमारा ये निबंध मेरा विद्यालय निबंध इन हिंदी केसा लगा अप हमे नीचे कॉमेंट करके बताएं।