Gandhi ji nibandh in hindi – महात्मा गांधी ऑटोबायोग्राफी इन हिंदी

भारत के बच्चा-बच्चा को पता होगा की महात्मा गांधी जी कोन है। हर कोई महात्मा गांधी का जय जय कार करता है। वो सिर्फ एक अच्छे और सच्चे आदमी ही नहीं बल्कि वो एक महान पुरुष मैं भी गिने जाते है। भारत को स्वतंत्रता दिलवाले मैं महात्मा गांधी बहत बड़ा योगदान है। इसीलिए तो भारत के सभी लोग उन्हें प्यार से स्नेह से बापू बुलाते है और भारत भी उनको राष्ट्र पिता का दर्जा दिए है।

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आज हम इसी लेख के अंदर Gandhi ji nibandh in hindi (गांधी जी निबन्ध इन हिन्दी) में जानने वाले है। गांधी जी का पूरा नाम क्या है वो कहां जन्म हुए थे उनका माता पिता कोन थे भारत को स्वतंत्रता दिलवाने में उनका योगदान क्या रहा इन सभी के बारे में आज हम इस लेख महात्मा गांधी ऑटोबायोग्राफी इन हिंदी मैं जानेंगे। इस लेख मैं महात्मा गांधी पर निबन्ध 1000 सब्दो में जानेंगे।

Gandhi ji nibandh in hindi

Gandhi ji nibandh in hindi

आज हम इस लेख के अंदर महात्मा गांधी ऑटोबायोग्राफी इन हिंदी मैं जानने वाले है। सबसे पहले हम गांधी जी का पूरे नाम और और उनके माता पिता के बारे में जानेंगे। गांधी जी का पूरा नाम मोहन दास करमचंद गांधी था। जिन्हे हम प्यारा से बापू कहते है। उनका जन्म गुजरात राज्य के स्तिथ कठियाबाड़ प्रदेश मैं रहित पोरबंदर मैं उनका जन्म हुआ था।

1869 मसीहा 2 अक्टूबर मैं गांधीजी का जन्म हुआ था। उनके पिता का नाम करमचंद गांधी और माता का नाम पुतलीबाई गांधी हे। गांधीजी के पिता राजकोट रियासत के दीवाने थे और उनकी माता जो है वो बहुत ही धार्मिक विचारों वाले थे वो धार्मिक कथाओं परिवेश के ऊपर बहत ही बिस्वास करते थे।

महात्मा गांधी ऑटोबायोग्राफी इन हिंदी

Gandhi ji nibandh in hindi में हम उनकी पढ़ाई और साथ मैं उनकी भारत को स्वतंत्रता बनाने में उनकी भूमिका के बारे में जानने वाले है। सात साल के ऊमर मैं गांधी जी स्कूल जाने लगे। श्रेणी मै वह समय पर आते थे। स्कूल में वह मन लगा कर पढ़ाई करते थे। मैट्रिक पास करने के बाद वह कॉलेज में पढ़े फिर जा कर वह लंदन चले गए कानूनी विद्या को पढ़ने के लिए। 1891 मसीहा मैं भी उन्होंने कानूनी की विद्या हासिल करली।

कानूनी विद्या हासिल करने के बाद वो अपने घर लौट आए। लेकिन घर लटने के बाद उनको उनकी मां गुजर जाने का बहत बड़ा दुख हुआ क्योंकि गांधी जी अपने मां से बहत ज्यादा प्यार करते थे। उनको कानूनी विद्या बड़े ही अच्छे से आते थे। वह सबसे पहले बंबई जा कर वहा पर कानूनी बकालता सुरू करदी।

लेकिन वहा सफल नही हो पाए। मर्माहत हो कर अपने घर राजकोट लोट आए वहा भी उन्होंने वकालत सुरु करदी। अफसोस की बात ये है की वहा पर उनको सफलता नहीं मिली। उनका बकालत पर सफल न होने का कारण मुख्य ये उद्येस था की वो झुटि मोकोदमा को स्वीकार नहीं करते थे। कियूंकी गांधी जी एक सत्य बादी एक न्याय बादी इंसान थे।

दक्षिण अमेरिका ग्रस्त

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कुछ समय के बाद उन्हें एक बड़ा भारतीय व्यापारी मिला जिनका दक्षिण अमेरिका मैं बहत बड़ा व्यापार था। उस व्यापारी को एक बडा वकील चाहिए था जो उसके उलझे मुकदमा को ठीक कर सके। वो गांधी जी को बडी फीस देकर वहा पर बुला लिया। वहा पर जा कर उन्होंने भारत के मूल के लोगो की बहत ही सोचनीय हाल देखा। और वही से वो फैसला कर दिया की भारतीय को न्याय दिलवाने के लिऐ।

कांग्रेस पार्टी की गठन

वहा पर सभी भारतीय को एकत्रित करके सबको जागृत किया और वही पर वो कांग्रेस पार्टी की शुरुवात की और वो आज भी कांग्रेस पार्टी वहा की प्रमुख पार्टी है। लेकिन गांधी जी को और उनके साथियों को पकड़ कर कैद करके सजाए दी गई लेकिन बापू हर नही माने वह अपने लड़ाई पर डेट रहे आखिर कर 1914 में इंडियन रिलीफ एक्ट नमक एक कानून पास हुई जिसके बजेसे वहा के स्थित भारतीय लोगो के अंदर काफी सुधार आने लगा।

भारत को स्वतंत्रता दिलवाना

Gandhi ji nibandh in hindi के अन्दर गांधी जी का भारत को स्वतंत्रता दिलवाने में जो एहम भूमिका रहा है उसके बारे बिना चर्चे किए केसे रहे। दरअसल दक्षिण अमेरिका मैं उनका आंदोलन सफल होने के बाद वह भारत लोट आए। भारत लोटने के बाद वो कांग्रेस पार्टी का सदस्य बन गए । गांधी जी पार्टी में सामिल होते ही कांग्रेस पार्टी मैं एक नई जान डाल दी। और फिर वो पार्टी के एक नेता बनकर निखरे। उनके नेतृत्य में कांग्रेस पार्टी असहोजोग आंदोलन के जरिए ब्रिटिश सरकार के काले कानून को जोर दार विरोध किया।

लेकिन ब्रिटिश सरकार ने भी हार नहीं मानी वह इस स्वतंत्रता आन्दोलन का जमकर विरोध किया। कई बार तो ब्रिटिश सरकार ने गांधी जी और उनके साथियों को पकड़ कर जेल में भी डाल दिया। लेकिन कहां गांधी जी चुप बैठने बालो में से थे। वो आखिर कर भारत को स्वतंत्रता दिलवा ही दी। आखिर कर कई बलिदान के बाद कई त्यागो के बाद भारत 1947 अगस्त 15 को भारत स्वतंत्र हुआ।

गांधी जी की हत्या

गांधी जी को अचानक ही हत्या करदिया गया। उनकी हत्या एक प्रार्थना सभा मैं हुई। उनकी हत्या एक पल नौजवान ने कर दी जिसका नाम नाथूराम गडसे था। वो गांधीजी के विचारो का जमकर विरोध करता था। आखिर मैं वो गांधी जी को प्राथना सभा मैं गोलियों से भून दिया। उनका मौत 30 जनवरी 1948 को हुआ।

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उपसंहार

हमे और अप सभी को ये पता होगा की गांधीजी एक महान पुरुष थे। वो एक आदर्श गुरु थे उसके साथ साथ एक श्रेष्ठ वक्ता महान विचारक थे। जहा पर लगता था अन्याय हो रहा है वो वहा पर जमकर विरोध करते थे और साथ मैं जरूरत पड़ने पर आन्दोलन भी करते थे। और वो सफल भी होते थे कियूंकी वो सचाई के मार्ग को अपना चुके थे। उन्हें पूरे विश्व में सदेव याद किया जाएगा। और आज भी उनके कही गई विचारो के विश्व को आवश्यकता है। Gandhi ji nibandh in hindi आपको केसा लगा आप हमे नीच कॉमेंट पर बताए।

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